Dard takleef shayari
जनाजा मेरा उठ रहा था !!
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में !!
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी !!
और कितनी देर है दफनाने में !!
ढाई अक्षर की बात कहने में !!
कितनी तकलीफ उठा रखी है !!
तूने आँखों में छिपा रखी है !!
मैंने होंठो पे दबा रखी है !!
सुन पगली जीतनी तकलीफ देनी है तुझे दे !!
मै तो खुद रोकर भी तुझे हसाऊँगा !!
तकलीफ इस जिगर में बदन में थकान है !!
ये जिन्दगी नही है गमों की दुकान है !!
Takleef Shayari in Hindi
हम रहते थे जो खुश !!
उसने हमे उदास कर दिखाया है !!
हम जानते ना थे क्या होता है दर्द !!
उस बेवफा ने तकलीफ से वाकिफ कराया है !!
तकलीफ की सुरंगो से !!
जब जिन्दगी गुजरती है !!
सबसे पहले अपनो के !!
हाथ और साथ छुट जाते है !!
मेरी फितरत में नहीं !!
अपना गम बयां करना !!
अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ !!
तो महसूस कर तकलीफ मेरी !!
Takleef Shayari in Hindi
तकलीफ़ मिट गई !!
मगर एहसास रह गया !!
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो !!
मेरे पास रह गया !!
मेरी फितरत में नहीं !!
अपना गम बयां करना !!
अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ तो !!
महसूस कर तकलीफ मेरी !!
Takleef Shayari in Hindi
पहाड़ो जैसे सदमे झेलती है !!
उम्र भर लेकिन !!
बस इक औलाद की तकलीफ़ से माँ !!
टूट जाती है !!
तकलीफ ये नहीं कि !!
तुम्हें अजीज़ कोई और है !!
दर्द तब हुआ !!
जब हम नज़र अंदाज़ किए गए !!
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