Masoom shayari in hindi
बचपन से ही परिवार का बोझ !!
अपने नाज़ुक कंधों पर उठाते है !!
हा ये मासूम कच्ची उम्र में पिता बन !!
अपना घरबार चलाते हैं !!
ख्बावों को जिम्मेदारी के बक्से में बंदकर !!
इश्क़ का नशा कैसा होता है !!
जो करता है उसको तो पता होगा !!
मेने किसी से पूछा कैसा होता है !!
उसने कहा नशानशा होता है !!
इश्क़ वैसा होता ह !!
कितनी मासूम होती हैं माँ की ममता !!
अपने बच्चों की सलामती के लिए !!
कभी मंदिर में प्रसाद चढ़ाती हैं !!
तो कभी दरगाह में चादर चढ़ाती हैं !!
कभी गुरुद्वारे में अरदास करती हैं !!
तोकभी गिरिजाघर में प्रार्थना करती हैं !!
Masoom chehra shayari in Hindi
मोहब्बत सिखा कर जुदा हो गए !!
ना सोचा ना समझा खफा हो गए !!
दुनिया में किसको हम अपना कहे !!
अगर तुम ही मेरी जान बेवफा हो गए !!
चाँद सा चेहरा देखने की इजाज़त दे दो !!
मुझे ये शाम सजाने के इजाज़त दे दो !!
मुझे क़ैद करलो अपने इश्क़ में या !!
मुझे इश्क़ करने के इजाज़त दे दो !!
मासूम तेरी आँखों मे मेरा दिल खो जाता है !!
जब जब तुझे देख लू मेरा जीवन मुकम्मल हो जाता है !!
न आए तू जो मुझको नज़र तेरे दीदार के लिए !!
मेरा दिल तरस जाता है !!
Masoom chehra shayari in Hindi
उस खुदा का क्या शुक्रिया करूँ !!
जिस खुदा ने उसको बड़ी पूरस्त से बना होगा !!
पहले सोचा होगा इस नूर को में रखलूं !!
फिर सोचा तो मेरा ख्याल मन में बना होगा !!
तेरी मोहब्बत मुझे तबसे मिली !!
मैं जबसे तेरा तलबगार हो गया !!
मेरा दिल पहले अकेला था !!
यह दिल तेरे ही प्यार का बीमार हो गया !!
मासूम सी आपकी ये निगाहें !!
कहीं चैन ना छीन ले हमारा !!
प्यार का आगाज कर रही हैं !!
वोकहीं दिल ना चुरा ले हम तुम्हारा !!
मुहब्बत होंठों से नहीं !!
उनसे निकली मीठी बातों से है !!
क्यों कि मासूमियत चेहरे से कहीं ज्यादा !!
उसकी भोली आँखों में है !!
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