Gulzar shayari in hindi 2 lines
“खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते !!
बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते !!
तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ !!
तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ !!
उसने कागज की कई कश्तिया पानी उतारी और !!
ये कह के बहा दी कि समन्दर में मिलेंगे !!
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं रात भी !!
आयी और चाँद भी था मगर नींद नहीं !!
Gulzar shayari in Hindi
कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत !!
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।
हम तो अब याद भी नहीं करते !!
आप को हिचकी लग गई कैसे !!
बहुत अंदर तक जला देती हैं !!
वो शिकायते जो बया नहीं होती !!
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम !!
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं !!
Gulzar shayari in Hindi
बहुत अंदर तक जला देती हैं !!
वो शिकायते जो बया नहीं होती !!
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा !!
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा !!
मुस्कुराना, सहते जाना, चाहने की रस्म है !!
ना लहू ना कोई आँसू इश्क़ ऐसा ज़ख्म है !!
कोई तो करता होगा हमसे भी खामोश मोहब्बत !!
किसी का हम भी अधूरा इश्क रहे होंगे !!
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