Gulzar shayari in Hindi on love
ख्वाबी ख्वाबी सी लगती है दुनिया !!
आँखों में ये क्या भर रहा है !!
मरने की आदत लगी थी !!
क्यूं जीने को जी कर रहा है !!
उम्मीद भी अजनबी लगती है !!
और दर्द पराया लगता है !!
आईने में जिसको देखा था !!
बिछड़ा हुआ साया लगता है !!
दर्द भी वही देते हैं जिन्हे !!
हक़ दिया जाता है
वरना गैर तो धक्का लगने पर !!
भी माफ़ी मांग लिया करते हैं !!
Gulzar shayari in Hindi
नजर भी ना आऊं इतना भी !!
दूर ना करो मुझे !!
पूरी तरह बदल जाऊं इतना भी !!
मजबूर मत करो मुझे !!
दिल तो रोज़ कहता है !!
कि तुम्हे कोई सहारा चाहिए !!
फिर दिमाग कहता है
क्यों तुम्हे धोखा दुबारा चाहिए !!
अगर किसी से बिछड़ने का डर तुम्हें हर !!
रोज़ रहने लगे तो यकीन मानो कि उस !!
इंसान को तुम एक दिन खो ही दोगे !!
Gulzar shayari in Hindi
बुरा वक़्त तो गुज़र ही जायेगा !!
बस वही लोग नहीं गुज़रते !!
जिनकी वजह से वो बुरा वक़्त आया है !!
भरोसा नहीं है क्या मुझपे !!
ये लाइन बोलकर पता नहीं !!
कितने लोग धोखा दे देते है !!
हमसे रिश्ता बनाये रखना !!
हम वहाँ काम आते है !!
जहाँ सब साथ छोड़ जाते है !!
लोगो को हद से जयादा इज़्ज़त और !!
भरोसा दोगे वो उठाकर आपके मुँह !!
पर बेइज़्ज़ती और धोखा ही मरेगा !!
सोचकर बाजार गया था अपने कुछ !!
आंसू बेचने हर खरीददार बोला अपनों !!
के दिए तोफे बेचा नहीं करते !!
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