Gam Bhari Shayari in hindi for wife
दुखों के बाजार में हमारा बचपन गुजरा है!!
जिंदगी के हर दर्द को!!
बहुत बारीकी से महसूस किया है!!
अब ना कोई वादा रहा!!
और ही ना कोई हिस्सा रहा!!
मैं टूट कर बिखरता रहा!!
बस यही मेरी किस्सा रहा!!
Gam Bhari Shayari
पता नहीं उनकी क्या नाराज़गी थी मुझसे!!
बिना बताये बहुत दूर हो गयी हैं वो मुझसे!!
आदत डाल लेना इस ज़िन्दगी से मिले दर्द की जनाब!!
ये दर्द कम होना नहीं बस बढ़ना जानता है!!
तरस गए हैं हम तेरे मुँह से कुछ सुनने को!!
प्यार की बात न सही कोई शिकायत ही कर दें!
एक ग़लती पे साथ छोड़ जाने वाले!!
ये मत भूलो गलतियाँ तुमने भी की थी!!
और माफ़ी हमने भी दी थी!!
तुमको रब से इतनी बार मांग चुके हैं कि!!
अब हाथ उठाने से पहले!!
फ़रिश्ते सवाल कर देते हैं!!
कुछ वक्त माँ-बाप के साथ बिताया करो!!
हर चीज गूगल में ढूंढने से नहीं मिलती!!
देखा है मैंने ये आलम इस ज़माने में!!
बहुत जल्दी थक जाते हैं लोग रिश्ते निभाने में!!
पासजब तकवो रहेदर्द थमारहता है!!
फैलताजाता हैफिर आँखके काजलकी तरह!!
तरस आता है इन मासूम सी पलकों पर!!
जब भीग कर कहती है!!
अब रोया नहीं जाता!!
Gam Bhari Shayari
वो हमसे बात अपनी मर्जी से करते हैं और!!
हम भी कितने पागल हैं कि!!
उनकी मर्जी का इन्तजार करते हैं!!
जितना कम आप अपना ह्रदय दूसरों के समक्ष खोलेंगे!!
उतनी अधिक आपके ह्रदय को पीड़ा होगी!!