Gam Bhari Shayari in hindi for boyfriend
इंसान की ख़ामोशी ही काफ़ी है!!
ये बताने के लिये की वो अंदर से टूट चूका है!!
हम तू बदनाम ना हो इसीलिए जी रहा हूँ मैं!!
वरना मरने का इरादा तो रोज होता है!!
हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम!!
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम!!
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला!!
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम!!
Gam Bhari Shayari
न जाने किस कॉलेज से ली थी!!
मोहब्बत की डिग्री उसने!!
जितने भी मुझसे वादे किये थे!!
सब फ़र्ज़ी निकले!!
यूँ तो हर एक दिल में दर्द नया होता है!!
बस बयान करने का अंदाज़ जुदा होता है!!
कुछ लोग आँखों से दर्द को बहा लेते हैं!!
और किसी की हँसी में भी दर्द छुपा होता है!!
कोई सिखादे मुझे भी अपने वादों से मुक़र जाना!!
बहुत थक चुका हूँ निभाते-निभाते!!
Gam Bhari Shayari
इंसान की ख़ामोशी ही काफ़ी है!!
ये बताने के लिये की वो अंदर से टूट चूका है!!
अभी धूप निकलने के बाद भी जो सोया है!!
वो ज़रूर तेरी याद में रातभर रोया है!!
ज़हर देता है कोई कोई दवा देता है!!
जो भी मिलता है मेरा दर्द बढ़ा देता है!!
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ज़रा सी वक़्त ने करवट क्या ली!!
गैरों की लाइन में!!
सबसे आगे अपनों को पाया हमने!!
Gam Bhari Shayari
खुश रहने का बस एक ही मंत्र है!!
उम्मीद बस खुद से रखो किसी और इंसान से नहीं!!
कई दफा ये सोच कर थोड़ा और रो लेता हूँ!!
की मुझे रोता देख कई लोग मुस्कुराते हैं!!