Rahat indori shayari on love
अब ना मैं हूँ ना बाकी हैं ज़माने मेरे !!
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे !!
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे !!
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे !!
कही अकेले में मिलकर झंझोड़ दूँगा उसे !!
जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे !!
मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का !!
इरादा मैंने किया था की छोड़ दूँगा उसे !!
ये सहारा जो नहीं हो तो परेशां हो जायें !!
मुश्किलें जान ही ले लें अगर आसां हो जायें !!
ये जो कुछ लोग फरिश्तों से बने फिरते हैं !!
मेरे हत्थे कभी चढ़ जाएं तो इंसान हो जाएं !!
Rahat Indori shayari in hindi
जा के ये कह दो कोई शोलो से, चिंगारी से !!
फूल इस बार खिले है बड़ी तैयारी से !!
बादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के ना लिए !!
हमने ख़ैरात भी माँगी है तो ख़ुद्दारी से !!
कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं !!
कभी धुए की तरह परबतों से उड़ते हैं !!
ये कैंचियाँ हमें उड़ने से ख़ाक रोकेंगी !!
के हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं !!
मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया !!
इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए !!
Rahat Indori shayari in hindi
अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए !!
कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए !!
सिर्फ खंजर ही नहीं आंखों में पानी चाहिए !!
ए खुदा दुश्मन भी मुझको खानदानी चाहिए !!
Rahat Indori shayari in hindi
इन आंखों में जो तस्वीर है वो तेरी है !!
दिल की हर धड़कन बस तेरी है !!
नहीं चाहिए सारे जहां की खुशियां मुझे !!
खुदा करे तुझे मिल जाए !!
वह सारी खुशियां जो मेरी है !!
अल्फाज़ की शक्ल में एहसास लिखा जाता है !!
यहाँ पर पानी को प्यास लिखा जाता है !!
मेरे जज़्बात से वाकिफ है मेरी कलम भी !!
प्यार लिखूं तो तेरा नाम लिखा जाता है !!
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