Gulzar shayari on love
“ सब तरह की दीवानगी
से वाकिफ हुए हम,
पर मा जैसा चाहने वाला
जमाने भर में ना था ! “
अब टूट गया दिल
तो बवाल क्या करें,
खुद ही किया था पसंद
अब सवाल क्या करें ?
कयामत तक याद करोगे
किसी ने दिल लगाया था,
एक होने की उम्मीद भी न थी
फिर भी पागलों की तरह चाहा था।
Guljar Shayari in hindi
हर कोई परेशान है
मेरे कम बोलने से,
और मै परेशान हूं
अपने अंदर के शोर से..!!
तुम्हारी आदत सी
हो गई थी हमें,
मालूम तो हमे भी था कि
तुम नसीब में नही हो.
किसी को उजाड़ कर
बसे तो क्या बसे,
किसी को रुला कर
हंसे तो क्या हंसे..!!
Guljar Shayari in hindi
तुझसे दूर जाने का
कोई इरादा ना था,
पर रुकते आखिर कैसे
जब तू ही हमारा न था..!!
फिक्र है इज्जत की तो
मोहब्बत छोड़ दो जनाब,
आओगे इश्क की गली में
तो चर्चे जरूर होंगे..!!
अब मत मिलना
तुम दोबारा मुझे,
वक़्त बहुत लगा है
खुद को संभालने में..!!
कहने को तो बस
बातें हो जाती हैं,
पर दिल खोलकर बात किए हुए
जमाना हो गया….