Gulzar shayari in hindi 2 lines on life
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे,
खुद से मुलाकात हो गई
कुछ भी तो कहा नही मगर,
ज़िंदगी से बात हो गई
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है
ख़ामोश रहने में दम घुटता है
और बोलने से ज़बान छिलती है
डर लगता है नंगे पांव मुझे
कोई कब्र पांव तले हिलती है
Guljar Shayari in hindi
टूटी फूटी शायरी में
लिख दिया है डायरी में
आख़िरी ख्वाहिश हो तुम
लास्ट फरमाइश हो तुम
मुस्कुराना, सहते जाना, चाहने की रस्म है
ना लहू ना कोई आँसू इश्क़ ऐसा ज़ख्म है
हमने देखी है उन आँखों की खुशबू
हाथ से छूके इसे रिश्तों का इल्ज़ाम न दो
सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो
Guljar Shayari in hindi
ख्वाबी ख्वाबी सी लगती है दुनिया
आँखों में ये क्या भर रहा है
मरने की आदत लगी थी
क्यूं जीने को जी कर रहा है
कहीं किसी रोज यूं भी होता
हमारी हालत तुम्हारी होती
जो रातें हमने गुजारी मरके
वो रातें तुमने गुजारी होती
उम्मीद भी अजनबी लगती है
और दर्द पराया लगता है
आईने में जिसको देखा था
बिछड़ा हुआ साया लगता है
कोई तो करता होगा हमसे भी
खामोश मोहब्बत..
किसी का हम भी अधूरा
इश्क रहे होंगे…
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