Deep meaning gulzar shayari in hindi 2 lines
धीरे-धीरे ज़रा दम लेना
प्यार से जो मिले गम लेना
दिल पे ज़रा वो कम लेना
दबी-दबी साँसों में सुना था मैंने
बोले बिना मेरा नाम आया
पलकें झुकी और उठने लगीं तो
हौले से उसका सलाम आया
खून निकले तो ज़ख्म लगती है
वरना हर चोट नज़्म लगती है.
Guljar Shayari in hindi
इतना लंबा कश लो यारो,
दम निकल जाए
जिंदगी सुलगाओ यारों,
गम निकल जाए
वो चेहरे जो रौशन हैं लौ की तरह
उन्हें ढूंढने की जरूरत नही
मेरी आँख में झाँक कर देख लो
तुम्हें आइने की जरूरत नही
मेरे उजड़े उजड़े से होठों में
बड़ी सहमी सहमी रहती है जबाँ
मेरे हाथों पैरों में खून नही
मेरे तन बदन में बहता है धुँआ
Guljar Shayari in hindi
वक्त सालों की धुंध से
निकल जायेगा
तेरा चेहरा नज़र से
पिघल जायेगा
वो शाम कुछ अजीब थी,
ये शाम भी अजीब है
वो कल भी पास पास थी
वो आज भी करीब है
जीना भूले थे कहां याद नहीं!
तुमको पाया है जहाँ
सांस फिर आई वहीं
क्यूं बार बार लगता है मुझे
कोई दूर छुपके तकता है मुझे
कोई आस पास आया तो नही
मेरे साथ मेरा साया तो नही