Gulzar ki shayari in hindi
तू समझता क्यूं नही है
दिल बड़ा गहरा कुआँ है
आग जलती है हमेशा
हर तरफ धुआँ धुआँ है
टकरा के सर को जान न दे दूं तो क्या करूं
कब तक फ़िराक-ए-यार के सदमे सहा करूं
मै तो हज़ार चाहूँ की बोलूँ न यार से
काबू में अपने दिल को न पाऊं तो क्या करूं
एक बीते हुए रिश्ते की
एक बीती घड़ी से लगते हो
तुम भी अब अजनबी से लगते हो
Guljar Shayari in hindi
प्यार में अज़ीब ये रिवाज़ है,
रोग भी वही है जो इलाज है.
जाने कैसे बीतेंगी
ये बरसातें
माँगें हुए दिन हैं,
माँगी हुई रातें.
ऐसा कोई ज़िंदगी से वादा तो नही था
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था.
Guljar Shayari in hindi
वो बेपनाह प्यार करता था मुझे
गया तो मेरी जान साथ ले गया
झुकी हुई निगाह में, कहीं मेरा ख्याल था
दबी दबी हँसी में इक, हसीन सा गुलाल था
मै सोचता था, मेरा नाम गुनगुना रही है वो
न जाने क्यूं लगा मुझे, के मुस्कुरा रही है वो
इस दिल में बस कर देखो तो
ये शहर बड़ा पुराना है
हर साँस में कहानी है
हर साँस में अफ़साना है
कोई वादा नही किया लेकिन
क्यों तेरा इंतज़ार रहता है
बेवजह जब क़रार मिल जाए
दिल बड़ा बेकरार रहता है
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