खूबसूरती का घमंड शायरी
कहीं का ग़ुस्सा कहीं की घुटन उतारते हैं !!
ग़ुरूर ये कि हम काग़ज़ पे फ़न उतारते हैं !!
कहीं का ग़ुस्सा कहीं की घुटन उतारते हैं !!
ग़ुरूर ये कि हम काग़ज़ पे फ़न उतारते हैं !!
न तेरी शान कम होती न रूतबा घटा होता !!
जो गुस्से में कहा वही हंस के कहा होता !!
बहुत घमंड भी था मुझे तुम्हारा होने का !!
पर घमंड था ना एक दिन टूटना ही था !!
Ghamand shayari in hindi
घमण्ड एक ऐसी दीमक है !!
जो आपके सभी रिश्तों को खा जाएगी !!
वो छोटी-छोटी उड़ानों पे गुरूर नहीं करता हैं !!
जो परिंदा अपने लिए आसमान ढूढ़ता हैं !!
यूँ बदस्तूर जीना जारी तो रहा !!
लेकिन तू नहीं फिज़ा नहीं बयां नहीं निशां नहीं !!
घमण्ड किसी का नही रहा टूटने से पहले !!
गुल्लक को भी लगता था सारे पैसे उसी के है !!
Ghamand shayari in hindi
घमंङ में हस्तियाँ और तूफान में कश्तियाँ !!
अक्सर डूब जाया करती हैं जनाब !!
केवल अहंकार ही ऐसी दौड़ है !!
जहाँ जीतने वाला हार जाता है !!
घमंड तो उस इंसा को भी नहीं होता !!
जब कोई अवॉर्ड जीतता है तो वो भी झुक्कर लेता है !!
मैं एक हाथ से सारी दुनिया के साथ लड़ सकता हूँ !!
बस मेरा दुसरा हाथ तेरे हाथ में होना चाहिए !!
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