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Ajnabi shayari in hindi
सदियों” बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई !!
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई !!
जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से !!
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई !!
हम कुछ ना कह सके उनसे !!
इतने जज्बातों के बाद !!
हम अजनबी के अजनबी ही रहे !!
इतनी मुलाकातो के बाद !!
वो तारों की तरह रात भर चमकते रहे !!
हम चाँद से तन्हा सफ़र करते रहे !!
वो तो बीते वक़्त थे उन्हें आना न था !!
हम यूँ ही सारी रात करवट बदलते रहे !!
Ajnabi shayari in Hindi
वो तारों की तरह रात भर चमकते रहे !!
हम चाँद से तन्हा सफ़र करते रहे !!
वो तो बीते वक़्त थे उन्हें आना न था !!
हम यूँ ही सारी रात करवट बदलते रहे !!
न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयी !!
उस अजनबी के लिए !!की मेरा दिल भी !!
उसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया !!
करता हे !!
ज़रा सी ज़िंदगी है,अरमान बहुत हैं !!
हमदर्द नहीं कोई,इंसान बहुत हैं !!
दिल के दर्द सुनाएं तो किसको !!
जो दिल के करीब है ,वो अनजान बहुत हैं !!
Ajnabi shayari in Hindi
तेरी निगाह से ऐसी शराब पी मैंने !!
फिर न होश का दावा किया कभी मैंने !!
वो और होंगे जिन्हें मौत आ गई होगी !!
निगाह-ए-यार से पाई है जिन्दगी मैंने !!
चला दिल पे खंजर और वो दिल के पार हो गया !!
एक अजनबी मुलाकात हुई थी उनसे हमारी !!
मगर ना जाने क्यों उनसे प्यार हो गया !!
अजनबी शहर में अजनबी रास्ते !!
मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहे !!
मैं बहुत देर तक यूही चलता रहा !!
तुम बहुत देर तक याद आते रहे !!
उन्हें देखा फिर से दर्द उठा !!
पर उन्हें देखे बगैर रहा भी नहीं ज़ाता !!
ऐसा क्यूं करती है तू ऐ ज़िदंगी !!
क्या तुम्हे हमसे ख़ेले बगैर रहा नहीं जाता !!
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