Shardiya navratri ki hardik shubhkamnaye
I. परिचय :- नवरात्रि, भारतीय हिन्दू संस्कृति में महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहारों में से एक है। यह त्योहार नौ दिनों तक मनाया जाता है और माता दुर्गा की पूजा के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि का मतलब होता है ‘नौ रातें’। इस पेरियड में लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनकी आराधना करते हैं।
नवरात्रि के दौरान, लोग विभिन्न रूपों में दुर्गा माँ की पूजा करते हैं और उन्हें समर्पित करते हैं, जैसे कि शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।
नवरात्रि के इन नौ दिनों में, लोग पूजा, आरती, भजन, और ध्यान के माध्यम से मां दुर्गा की महत्वपूर्ण भावनाओं का आदर करते हैं। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में मां दुर्गा के शक्ति और साहस का प्रतीक है और लोगों को साहस, धैर्य, और साधना की प्रेरणा देता है।
नवरात्रि के अंत में, दशहरा मनाया जाता है, जिसे विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें भगवान राम ने लंका के रावण को पराजित किया था। इस दिन भारत भर में रामलीला नामक नाटकों का आयोजन किया जाता है और रावण का पुतला दहन किया जाता है।
नवरात्रि भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण और आनंदमयी त्योहार है, जिसमें भक्ति और सामर्थ्य का संदेश छिपा होता है।
II. नवरात्रि की तारीख़ और महत्व :- नवरात्रि का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत उच्च माना जाता है और यह हिन्दू पर्वों में से एक है। नवरात्रि नौ दिनों तक मनाई जाती है और इसका मुख्य उद्देश्य मां दुर्गा की पूजा और महादेव शिव के आवगमन का स्वागत करना है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में नौ विभिन्न रूपों की मां दुर्गा की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। यह पर्व विजयादशमी के दिन समाप्त होता है, जो मां दुर्गा के जीत का प्रतीक है।
नवरात्रि की तारीख़ हर साल बदलती है, क्योंकि इसे हिन्दू पंचांग के अनुसार मनाया जाता है। यह पर्व शरद ऋतु (अक्टूबर-नवम्बर) में मनाया जाता है। इस बार का दुर्गा पूजा नवंबर माहिना के 15 से 23 तक मनाया जाएगा तथा 24 नवंबर को विजयादशमी का जश्न मनाया जाएगा। नवरात्रि के प्रत्येक दिन को एक विशेष रूप की मां दुर्गा की पूजा के साथ मनाया जाता है, और इसके दौरान भक्त व्रत रखते हैं और ध्यान और भक्ति के साथ पूजा करते हैं।

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शारदीय नवरात्रि 2023 तिथियां | Navratri kab hai 2023
15 /10/2023 | मां शैलपुत्री | (पहला दिन) | प्रतिपदा तिथि |
16 /10/ 2023 | मां ब्रह्मचारिणी | (दूसरा दिन) | द्वितीया तिथि |
17 /10/ 2023 | मां चंद्रघंटा | (तीसरा दिन) | तृतीया तिथि |
18 /10/ 2023 | मां कुष्मांडा | (चौथा दिन) | चतुर्थी तिथि |
19 /10/ 2023 | मां स्कंदमाता | (पांचवा दिन) | पंचमी तिथि |
20 /10/ 2023 | मां कात्यायनी | (छठा दिन) | षष्ठी तिथि |
21 /10/ 2023 | मां कालरात्रि | (सातवां दिन) | सप्तमी तिथि |
22 /10/ 2023 | मां महागौरी | (आठवां दिन) | दुर्गा अष्टमी |
23 /10/ 2023 | महानवमी | (नौवां दिन) | शरद नवरात्र व्रत पारण |
24 /10/ 2023 | मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन | दशमी तिथि | दशहरा |
नवरात्रि के इस पर्व का महत्व है कि यह दुर्गा माता की शक्ति की पूजा है और इसके माध्यम से भक्त आत्मा की शुद्धि और साधना का मार्ग चुनते हैं। यह भारतीय संस्कृति में धार्मिक और सामाजिक महत्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और लोग इसे बड़े धूमधाम से मनाते हैं।
III. नवरात्रि की तैयारी :- नवरात्रि की तैयारी करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण चरण होते हैं:
- पूजा सामग्री की खरीदारी: सबसे पहले, आपको नवरात्रि की पूजा के लिए सामग्री खरीदनी होती है। इसमें मां दुर्गा की मूर्ति, दीपक, धूप, चादर, चावल, फल, नैवेद्य के लिए आटा और गुड़, वस्त्र, बड़े इलायची, लौंग, कुमकुम, सिन्दूर, बत्ती, दीपक स्तम्भ आदि शामिल होते हैं।
- पूजा का आयोजन: आपको पूजा के लिए एक सुखद स्थल का आयोजन करना होता है, जहां आप मां दुर्गा की मूर्ति को स्थापित कर सकें। धूप, दीपक, और आरती के साथ पूजा करना भी शामिल होता है।
- उपवास का पालन: नवरात्रि के दौरान अनुष्ठान करने के लिए उपवास का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यहां तीन या नौ दिनों तक अन्न का त्याग किया जाता है और केवल फल, संबंधित उपहार, और दूध का सेवन किया जाता है।
- भजन-कीर्तन: नवरात्रि के इस पवित्र अवसर पर भजन-कीर्तन का आयोजन करना भी महत्वपूर्ण होता है। लोग मां दुर्गा के गुणगान करते हैं और उनकी महिमा का गान करते हैं।
- सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम: नवरात्रि के दौरान समाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे कि रात्रि के गरबा और दंडिया नृत्य, डंडिया रास, और संगीत कार्यक्रम।
- विशेष आहार: नवरात्रि के दौरान विशेष आहार तैयार किया जाता है, जिसमें कढ़ी, सबूदाना खिचड़ी, आलू तमातर की सब्जी, सिंघाड़े के आटे की पूरी, और कुट्टू की पूरी शामिल हो सकते हैं।
नवरात्रि की तैयारी के इन चरणों का पालन करके आप मां दुर्गा की पूजा को प्राकृतिक और धार्मिक तरीके से मना सकते हैं और इस पवित्र अवसर का सम्मान कर सकते हैं।
Happy navratri 2023
IV. नवरात्रि के रिति-रिवाज़ :- नवरात्रि एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो देवी दुर्गा की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार चैत्र और आश्विन मास के दोनों में मनाया जाता है, लेकिन आश्विन मास की नवरात्रि सबसे प्रमुख होती है। इस पेरियड के दौरान, देवी दुर्गा की पूजा का आयोजन किया जाता है और लोग नौ दिनों तक उनकी भक्ति करते हैं।
नवरात्रि के रिति-रिवाज़ निम्नलिखित हो सकते हैं:
- घर की सफाई: नवरात्रि से पहले, घरों की सफाई का आयोजन किया जाता है। घर को साफ-सुथरा करने और सजाने का काम किया जाता है।
- देवी दुर्गा की मूर्ति की स्थापना: नवरात्रि के पहले दिन, देवी दुर्गा की मूर्ति की स्थापना की जाती है। मूर्ति को विशेष रूप से सजाया और पूजा का आयोजन किया जाता है।
- व्रत और उपवास: नवरात्रि के दौरान, बहुत से लोग उपवास रखते हैं और केवल व्रतिक आहार खाते हैं। यह उपवास नौ दिनों तक जारी रहता है और देवी की कृपा प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जाता है।
- आरती: प्रतिदिन के दौरान, विशेष रूप से सुबह और शाम को देवी दुर्गा की आरती की जाती है। आरती में गीत और मंत्रों का पाठ किया जाता है।
- धूप और दीप जलाना: देवी पूजा के दौरान, धूप और दीपक जलाए जाते हैं। इससे मनोबल और ध्यान बढ़ता है और आत्मा की शांति होती है।
- गर्बा और दंडिया रास: नवरात्रि के दौरान, लोग गर्बा और दंडिया रास के खेल खेलते हैं। इसमें विशेष रूप से महिलाएं भाग लेती हैं और ध्वनि और नृत्य के साथ देवी की महिमा का गुणगान किया जाता है।
- समापन पूजा: नवरात्रि के आखिरी दिन, देवी दुर्गा की पूजा का विशेष समापन किया जाता है। मूर्ति का विसर्जन किया जाता है और लोग एक दूसरे को आशीर्वाद देते हैं।
नवरात्रि के इन रिति-रिवाजों का मानना है कि वे देवी दुर्गा की कृपा को प्राप्त करने में मदद करते हैं और व्यक्तिगत और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम होते
V. नवरात्रि भोजन और उपवास :- नवरात्रि एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो मां दुर्गा की पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर, लोग नवरात्रि के दौरान विशेष प्रकार के भोजन और उपवास करते हैं। नीचे नवरात्रि के भोजन और उपवास से संबंधित जानकारी दी गई है:
- उपवास (व्रत): नवरात्रि के दौरान बहुत से लोग व्रत (उपवास) रखते हैं, जिसमें वे निश्चित आहार और पानी का सेवन करते हैं। यह उपवास मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और पवित्र रहने का एक तरीका होता है।
- सात्विक आहार: उपवास के दौरान, लोग सात्विक आहार पर विशेष ध्यान देते हैं। इसमें शाकाहारी आहार, फल, दूध, दही, मक्खन, कट्टू का आटा, सिंधारा नमक, और व्रत के उपयुक्त धान्य शामिल होते हैं।
- व्रत के आलू: आलू के साथ-साथ सिंधारा नमक का प्रयोग भी बहुत किया जाता है। यह एक पॉपुलर व्रत का खास स्वाद होता है और इसे सिंधारा आलू के नाम से जाना जाता है।
- व्रत की थाली: नवरात्रि के भोजन को व्रत की थाली पर परोसा जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के व्रत आहार और मिठाईयाँ शामिल होती हैं।
- फल और दूध: फल और दूध का सेवन भी व्रत के दौरान किया जाता है। केला, सेब, खजूर, और मिल्कशेक नवरात्रि के उपवासी भोजन का हिस्सा हो सकते हैं।
- दुर्गा पूजा: नवरात्रि के आखिरी दिन, यानी दशमी को, दुर्गा मा की पूजा का आयोजन किया जाता है, और व्रत को तोड़ने के बाद व्रती भोजन का सेवन करते हैं।
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VI. नवरात्रि संगीत और गाने :-नवरात्रि के दौरान, देवी की महिमा को गाए जाते हैं और इसे “दुर्गा सप्तशती” या “चंडी पाठ” कहा जाता है। इसके अलावा, भक्त विभिन्न भजन और कीर्तन गाकर माँ दुर्गा का स्तुति करते हैं। नवरात्रि के दौरान प्रमुख गाने और संगीत शृंगारी मूड में होते हैं, जिसमें धोलक, मृदंग, ढोल, ताशा, और बजाए जाते हैं। लोग रात भर गाने और नृत्य करते हैं और इस अवसर को खुशियों के साथ मनाते हैं। यह त्योहार भक्ति और आनंद का महान उत्सव होता है जो भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
VII. नवरात्रि फैशन और परिधान :-नवरात्रि का त्योहार भारत में बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इस अवसर पर महिलाएं खासतर सुंदर परिधान में सज-धजकर नजर आना पसंद करती हैं। नवरात्रि फैशन और परिधान के कुछ महत्वपूर्ण प्रसंग हैं:
- लेहंगा चोली: नवरात्रि के दिनों में, महिलाएं आमतौर पर लेहंगा चोली पहनती हैं। इन लेहंगा चोलियों की चुनौती में विभिन्न रंग और डिज़ाइन के विकल्प होते हैं। चुनौती का त्योहारी लुक पूरा करने के लिए आकर्षक ज्वेलरी और फूलों की माला के साथ इन लेहंगा चोलियों को पूरा कर सकते हैं।
- सारी: सारी नवरात्रि के लिए एक अन्य शानदार विकल्प है। आप विभिन्न रंगों और डिज़ाइन की साड़ियों का चयन कर सकते हैं और उन्हें अपनी पसंद के अनुसार सजा सकते हैं। सारी के साथ एक अच्छा ब्लाउज और ज्वेलरी स्वाद का संगम बना सकते हैं।
- ज्वेलरी: नवरात्रि के त्योहार में ज्वेलरी का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। चूड़ियाँ, कान की बालियाँ, हार, और कड़ा ज्वेलरी के प्रमुख अंग होते हैं। इनमें से कुछ का आपके परिधान के साथ मैच करना चाहिए ताकि आपका त्योहारी लुक पूरा हो।
- फूलों की माला: नवरात्रि के दौरान फूलों की मालाएं भी बहुत पॉपुलर होती हैं। ये मालाएं आपके लेहंगा चोली या सारी के साथ अच्छी तरह से मेल खाती हैं और आपको एक प्राकृतिक और शांतिपूर्ण लुक प्रदान करती हैं।
VIII. क्षेत्रीय विविधताएँ :-नवरात्रि क्षेत्रीय विविधताएँ भारत के विभिन्न प्रांतों में अलग-अलग रूपों में मनाई जाती हैं। यह त्योहार अनुष्ठान, परंपराएँ, और भोजन के साथ-साथ विभिन्न रास्तों पर चलने वाले पर्व प्रदर्शनों के लिए भी प्रसिद्ध है। निम्नलिखित हैं कुछ क्षेत्रीय नवरात्रि की विविधताएँ:
- गुजरात: गुजरात में नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। लोग गरबा और दंडिया नृत्य करते हैं और रंगीन वस्त्र पहनते हैं। यहाँ पर गुजराती संस्कृति के संगीत और नृत्य का आनंद लिया जाता है।
- बंगाल: बंगाल में नवरात्रि को “दुर्गा पूजा” के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार दुर्गा माता की पूजा के साथ बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, और दुर्गा पंडाल बनाने का परंपरागत माहौल होता है।
- कोलकाता: कोलकाता, बंगाल का राजधानी शहर, दुर्गा पूजा के दौरान विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यहाँ पर दुर्गा माता की मूर्तियों के लिए प्रतियोगिताएँ भी आयोजित होती हैं, और लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं।
- पंजाब: पंजाब में नवरात्रि को “कान्या पूजा” के रूप में मनाया जाता है। इसमें छोटी उम्र की कन्याओं का पूजन करना होता है, और उन्हें खास भोजन और उपहार दिए जाते हैं।
- केरल: केरल में नवरात्रि को “विजयदशमी” के रूप में मनाया जाता है, और इस दिन बच्चों को पुस्तकें और उपहार दिए जाते हैं, जिसे “विजयक्का” कहा जाता है।
- उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में नवरात्रि का त्योहार चैती नवरात्रि और शरद नवरात्रि दोनों में मनाया जाता है। इसके दौरान मां दुर्गा की पूजा की जाती है, और रामलीला का आयोजन भी होता है।
यह केवल कुछ क्षेत्रीय विविधताएँ हैं, और भारत के अन्य प्रांतों में भी नवरात्रि का उत्सव अपने-अपने अनूठे तरीकों से मनाया जाता है।
IX. आधुनिक युग में नवरात्रि :- आधुनिक युग में, नवरात्रि का महत्व और बढ़ गया है क्योंकि लोग इसे धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानते हैं। इस अवसर पर, लोग मां दुर्गा की पूजा करते हैं और उनके आदर्शों का पालन करने का प्रयास करते हैं। ध्यान और भक्ति के माध्यम से, वे अपने मानसिक और आत्मिक विकास की ओर बढ़ते हैं।
नवरात्रि के दौरान, आधुनिक युग में लोग विभिन्न प्रकार की पूजा और उपवास का आयोजन करते हैं। ध्यान और मनन के साथ, वे मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का स्थान मानते हैं।
नवरात्रि का महत्व आधुनिक युग में सामाजिक सद्गुणों को प्रमोट करने के रूप में भी बढ़ गया है। इस अवसर पर, लोग अलग-अलग समुदायों में आकर्षक पंडाल और दुर्गा मंदिर स्थापित करते हैं और समुदाय के सदस्यों को एक साथ आने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इसके अलावा, नवरात्रि में सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स के माध्यम से लोग अपने आदर्शों और प्रयासों को साझा करते हैं।
इस प्रकार, आधुनिक युग में नवरात्रि धार्मिक, आध्यात्मिक, और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो गया है, जो लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और सामाजिक एकता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
नवरात्रि के संबंध में कुछ प्रमुख प्रश्न और उनके उत्तर :-
1. नवरात्रि क्या है?
नवरात्रि एक हिन्दू पर्व है जो आमतौर पर चैत्र और आश्विन मास में मनाया जाता है. इसे माँ दुर्गा के आराधना के रूप में मनाया जाता है.
2. नवरात्रि कितने दिन की होती है?
नवरात्रि का पूरा आयोजन नौ दिनों तक चलता है.
3. नवरात्रि के दौरान कौन-कौन से देवी-देवता की पूजा की जाती है?
नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जैसे कि शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री.
4. क्या नवरात्रि में उपवास करना अनिवार्य है?
नवरात्रि में उपवास करना धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है. यह उपासकों के श्रद्धा और व्रत की महत्वपूर्ण भाग होता है.
5. नवरात्रि के दौरान क्या खास भोजन बनाया जाता है?
नवरात्रि के दौरान उपवासी व्रत रखते हैं, इसलिए उन्हें शाकाहारी भोजन का सेवन करना होता है. कुछ लोग स्वांग के व्रत में उपवास करते हैं और केवल फल, साबुदाना, सिंघाड़े का आटा, और दूध के प्रोडक्ट्स का सेवन करते हैं.
6. नवरात्रि के दौरान परंपरागत रूप से क्या किए जाते हैं?
नवरात्रि के दौरान भगवान और भगवती की मूर्तियों की सजाकर पूजा की जाती है, जिसमें आरती, मंत्र, और भजनों का पाठ किया जाता है. भगवान और भगवती के लिए पुष्प, चादर, और प्रसाद भी चढ़ाया जाता है.
7. नवरात्रि के बाद क्या महत्वपूर्ण होता है?.
नवरात्रि के आखिरी दिन को दशहरा या विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है, जिसमें भगवान राम ने रावण का वध किया था. यह पर्व भगवान राम की विजय को स्वागत करता है.
ये थे कुछ महत्वपूर्ण नवरात्रि संबंधित प्रश्न और उनके उत्तर. नवरात्रि पर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह हिन्दू धर्म में गहरे आध्यात्मिक महत्व का होता है.