Mausam shayari 2 line
बहुत ही सर्द है अब के दयार-ए-शौक़ का मौसम !!
चलो गुज़रे दिनों की राख में चिंगारियाँ ढूँडें !!
महबूब के बिना हर मौसम उदास सा लगता है !!
महबूब हो पास तो हर मौसम ख़ास सा लगता है !!
तेरे तसव्वुर की धूप ओढ़े खड़ा हूँ छत पर !!
मिरे लिए सर्दियों का मौसम ज़रा अलग है !!
हँसाना नहीं बस रुलाना जानता है !!
ये मौसम भी ना बस औरों को फसाना जानता है !!
Mausam shayari in hindi
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था !!
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था !!
शहर देखकर ही अब हवा चला करती है !!
अब इंसान की तरह होशियार मौसम होते हैं !!
तुम मौसम की तरह बदल रही हो !!
मैं फसल की तरह बरबाद हो रहा हूँ !!
Mausam shayari in hindi
मौसम गए सुकून गया ज़िन्दगी गई !!
दीवानगी की आग में क्या-क्या गया न पूछ !!
कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है !!
तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन है !!
Mausam shayari in hindi
जाता हुआ मौसम लौटकर आया है !!
काश वो भी कोशिश करके देखे !!
तेरे इंतजार का मजा ही कुछ और है !!
अरे उसके आगे तो तेरे इस मौसम का मजा भी कमजोर है !!
मौसम भी है सुहाना बारिश भी हो रही है !!
बस एक कमी है तेरा मुझसे गले लग जाना !!
मस्त मौसम दिल में बहार लता है !!
बिछड़े हुआ जोड़े को फिर से मिलता है !!
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