Fursat shayari two lines
मिल जाए उलझनों से फुर्सत तो जरा सोचना !!
क्या सिर्फ फुरसतों मे याद करने तक का रिश्ता है हमसे !!
दिल ने आज फिर तेरे दीदार की ख्वाहिश रखी है !!
अगर फुरसत मिले तो ख्वाबों मे आ जाना !!
अभी मसरूफ हूँ काफी कभी फुर्सत में सोचूंगा !!
कि तुझको याद रखने में,मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ !!
ये जो चंद फुर्सत के लम्हे मिलते हैं जीने के लिए !!
मैं उन्हें भी तुम्हे सोचते हुए ही खर्च कर देता हूँ !!
Fursat shayari in Hindi
पतझड़ को भी तू फुर्सत से देखा कर ऐ दिल !!
बिखरे हुए हर पत्ते की अपनी अलग कहानी है !!
नहीं फुर्सत यक़ीन मानो हमें कुछ और करने की !!
तेरी यादें,तेरी बातें ,बहुत मशरूफ रखती हैं !!
काश उनको कभी फुर्सत में ये ख्याल आए !!
कि कोई याद करता है,उन्हें जिन्दगी समझ कर !!
हजूम ए दोस्तों से जब कभी फुर्सत मिले !!
अगर समझो मुनासिब तो हमें भी याद कर लेना !!
Fursat shayari in Hindi
फुर्सत मिले तो उन का हाल भी पूछ लिया करो !!
जिन के सीने में दिल की जगह तुम धड़कते हों !!
बड़ी फुर्सत से कमरे की तन्हाईयों में बैठे रहते हैं !!
पता हैं क्यू? तुम्हे याद करने के लिए !!
खत्म कर दी थी जिन्दगी की हर खुशियाँ तुम पर !!
कभी फुर्सत मिले तो सोचना मोहब्बत किस ने की थी !!
मंजिल पे पहुँचकर लिखूंगा मैं इन रास्तों की मुश्किलों !!
का जिक्र अभी तो बस आगे बढ़ने से ही फुरसत नही !!
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