Farz Shayari: Best 10+ ‘फ़र्ज़ शायरी’ स्टेटस
कैसे आकाश में सूराख़ नहीं हो सकता !!
एक पत्थर तो तबीअत से उछालो यारो !!
बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो !!
ऐसा कुछ कर के चलो याँ कि बहुत याद रहो !!
मीर तक़ी मीर !!
फर्ज था जो मेरा निभा दिया मैंने !!
उसने मांगा वह सब दे दिया मैंने !!
वो सुनके गैरों की बातें बेवफा हो गई !!
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने !!
Farz shayari in Hindi
जब पांव में बाप की पगड़ी रख दी जाए !!
तो मोहब्बत से हाथ छुड़ाना पड़ता है !!
फिर चाहे कोई वेवफा कहें या बेरहम !!
कुछ ‘फर्ज’ हैं जिन्हें निभाना पड़ता हैं !!
मेरे सच्चे प्यार को !!
दिल का कर्ज़ समझा !!
बेवफाई करना तुमने !!
अपना फर्ज समझा !!
मोहब्बत में सिर्फ !!
हक तो नहीं मिलते !!
कुछ फर्ज़ भी तो !!
अदा करने होते हैं !!
Farz shayari in Hindi
उतारा मैंने कर्ज था !!
क्यों होती हो उदास !!
ये तो मेरा फर्ज था !!
जिम्मेदारियों का ये जो फर्ज है !!
जीवन का सबसे बड़ा मर्ज़ है !!
मर्ज़ : रोग,व्याधि,व्यसन !!
चुकाता है कर्ज ,किसी का !!
ना होते हुए हक़दार !!
निभाता है बाप अपना फर्ज़ !!
बिना किसी तकरार !!
सनम तेरे प्यार में अपना !!
हर फर्ज़ दिल से निभाता हूं !!
सिर्फ तेरे खातिर मैं इस !!
दुनिया को तक भूल जाता हूं !!
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