Ajnabi shayari 2 lines
इस अजनबी शहर में पत्थर कहां से आया है !!
लोगों की भीड़ में कोई अपना ज़रूर है !!
मंजिल का नाराज होना भी जायज था !!
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे !!
इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है !!
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !!
हमसे मत पूछो यारो उनके बारे मे !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे मे !!
Ajnabi shayari in Hindi
हमसफ़र की तरह वो चला था मगर !!
रास्ते भर रहा अजनबी अजनबी !!
हमसे मत पूछिए जिंदगी के बारे में !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में !!
इस अजनबी शहर में पत्थर कहां से आया है !!
लोगों की भीड़ में कोई अपना ज़रूर है !!
मंजिल का नाराज होना भी जायज था !!
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे !!
Ajnabi shayari in Hindi
चेहरे “अजनबी” हो भी जाएं तो कोई बात नहीं !!
लेकिन रवैया अजनबी हो जाए तो बड़ी “तकलीफ” देते है !!
तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे !!
बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया !!
कुछ बोलता नहीं फिर भी सवाल करता है !!
उसके गाल का तिल बवाल लगता है !!
तू एक ऐसी लत है मेरी जो खुद छूटना !!
चाहती है ,पर मैं नहीं छोड़ना चाहता !!
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