अजनबी पर शायरी
कितनी अजनबी हैं ये रातें ये दिन !!
बेगानी सी लगती हैं तुम बिन !!
चेहरे अजनबी हो भी जायें तो कोई बात नहीं लेकिन !!
रवैये अजनबी हो जाये तो बड़ी तकलीफ देते हैं
तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे !!
बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया !!
Ajnabi shayari in Hindi
अगर दोस्त ना मिलते तो कभी यकीन नहीं होता की !!
अजनबी लोग भी अपनों से ज्यादा प्यारे हो सकते है !!
ऐसा न हो कि ताज़ा हवा अजनबी लगे !!
कमरे का एक-आध दरीचा खुला भी रख !!
जहाँ भूली हुई यादें दामन थाम लें दिल का !!
वँहा से अजनबी बन कर गुज़र जाना ही अच्छा !!
Ajnabi shayari in Hindi
मेरे अज़ीज़ ही मुझ को समझ न पाए हैं !!
हम अपना हाल किसी अजनबी से क्या कहते !!
अजनबी थे तो अच्छा था !!
इस जान पहचान ने कम्बखत फासले बढ़ा दिए !!
खुशी देने वाले अपने तो होते ही है !!
पर गम देने वाले भी अजनबी नही होते !!
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