Berukhi shayari 2 lines
तेरी सादगी का कमाल है मै इनायत समझ !!
बैठा तेरी बेरुखी भी चुप सी है मै मुहब्बत !!
समझ बैठा !!
शिकायत न करना किसी से बेरुखी !!
की !!इंसान की फितरत ही होती है !!
जो चीज़ पास हो उसकी कद्र नही करता !!
रहने दे अभी गुंजाइशें जरा अपनी !!
बेरुखी में इतना ना तोड़ मुझे कि !!
मैं किसी और से जुड़ जाऊँ !!
Berukhi shayari in Hindi
सिखा दी बेरुखी भी ज़ालिम ज़माने ने !!
तुम्हें कि तुम जो सीख लेते हो हम पर !!
आज़माते हो !!
मुख्तसर सी दिल्लगी से तो तेरी बेरुखी !!
अच्छी थी कम से कम ज़िंदा तो थे एक !!
कश्मकश के साथ !!
चुपके से हम ने भेजा था एक गुलाब उसे !!
खुशबू ने सारे शहर मैं तमाशा बना दिया !!
Berukhi shayari in Hindi
हासिल-ए-इश्क़ के बारे में,सोंचता हूँ जब !!
भी तेरा मिलना याद आता है,तेरी बेरुखी !!
नहीं !!
सोचते है सीख ले हम भी बेरुखी करना !!
सब से !!सब को महोब्बत देते देते हमने !!
अपनी क़दर खो दी है !!
तू हमसे चाँद इतनी बेरुखी से बात करता !!
है हम अपनी झील में एक चाँद उतरा !!
छोड़ आए हैं !!
अब शायद उसे किसी से मुहब्बत ज़ुरुर हो !!
मैं छीन लाया हूँ उस से उम्र भर की बेरुख़ी !!
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