Berukhi love shayari in hindi
ज़रा तल्ख़ लहज़े में बात कर ज़रा बेरुख़ी !!
से पेश आ !!
मैं इसी नज़र से तबाह हुआ हू मुझे देख न !!
यूँ प्यार से !!
फैसला हो जो भी मंजूर होना चाहिए !!
जंग हो या इश्क भरपूर होना चाहिए !!
महफिल की बेरुखी भी नहीं शान !!
भी नहीं मैं अजनबी नहीं मेरी पहचान !!
भी नहीं !!
Berukhi shayari in Hindi
तू हमसे चाँद इतनी बेरुखी से बात करता !!
है न हम अपनी झील में एक चाँद उतरा !!
छोड़ आए हैं !!
लोगो की बेरुखी देखकर तो अब !!
हम खुश होते है ,आँसु तो तब आते है !!
जब कोइ प्यार के दो लफ्ज कहता है !
मेरी खामोशियां गुस्सा बहुत भरा पड़ा !!
है दिमाग में इश्क जो बेहिसाब करता हूं !!
उससे !!
तुम्हारी बेरूखी ने लाज रख ली !!
बादाखाने की,तुम आंखों से पिला !!
देते तो पैमाने कहाँ जाते !!
Berukhi shayari in Hindi
हमारी बेरुखी अब इस कदर बढ़ गई है !!
तुमसे बात तो मुमकिन है !!
पर हम कोशिश नहीं करना चाहते !!
हमारी चाहत को आपने हमारी !!
बेरुखी बना दी क्या भूल थी !!
हमारी जो आपने यह सजा दे दी !!
तेरी बेरुखी ने छीन ली है !!
शरारतें मेरी और लोग समझते हैं !!
कि मैं सुधर गया हूँ !!
जब-जब मुझे लगा मैं तेरे लिए खास हूँ !!
तेरी बेरुखी ने ये समझा दिया !!
मैं झूठी आस में हूँ !!
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