Berukhi par shayari
काश वह समझते इस दिल की तड़प को !!
तो यूँ रुसवा ना किया होता !!
उनकी ये बेरूखी भी मंजूर थी हमें !!
बस एक बार हमें समझ लिया होता !!
तेरी दुनिया में मुझे एक पल दे दे !!
मेरी बेरुखी ज़िन्दगी का गुज़रा हुआ कल दे दे !!
वो वक्त जो गुज़ारा था साथ तेरे !!
अब उन्हें भूल पाऊं ऐसा कोई हल दे दे !!
कभी ऐसी भी बेरूखी देखी है हमने !!
कि लोग आप से तुम तक !!
और तुम से जान तक !!
फिर जान से अनजान तक हो जाते हैं !!
Berukhi shayari in Hindi
कब तक रह पाओगे आखिर यूँ दूर हम से !!
मिलना पड़ेगा आखिर कभी जरूर हम से !!
नजरें चुराने वाले ये बेरूखी है कैसी !!
कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हम से !!
देख कर बेरूखी उनकी इस कदर आज !!
ना जाने क्यों आँखें हमारी नम हो गई !!
दरवाजें तो पहले ही बंद हो गये थे उनके !!
मगर अब तो खिड़कियाँ भी बंद हो गई !!
तेरी बेरूखी को भी रूतबा दिया हमने !!
प्यार का हर फ़र्ज अदा किया हमने !!
मत सोच कि हम भूल गयें है तुझे !!
आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने !!
Berukhi shayari in Hindi
जब जब मुझे लगा !!
मैं तेरे लिए ख़ास हूँ !!
तेरी बेरुखी ने ये समझा दिया !!
मैं झूठी आस में हूँ !!
अभी कमजोर हूँ !!
तो कमजोर ही रहने दो !!
यूँ बेरुखी से तो !!
मैं भी पत्थर हो जाऊँगा !!
उदास कयो होता है ऐ दिल !!
उनकी बेरुखी पर !!
वो तो बङे लोग है !!
अपनी मर्जी से याद करते है !!
आखिर क्यों मुझे तुम इतना दर्द देते हो
जब भी मन में आये क्यों रुला देते हो
निगाहें बेरुखी हैं और तीखे हैं लफ्ज़ !!
ये कैसी मोहब्बत हैं जो तुम मुझसे करते हो !!
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