Berukhi shayari hindi
गलतियां करती हो खुद !!
खुद ही बेरुखी दिखाते हो !!
इल्जाम हम पर लगाकर !!
खुद शरीफ़ बन जाते हो !!
कोई रिश्ता जो न होता तो !!
तूं खफा भी न होता !!
फिर भी न जाने क्यों येँ बेरुखी !!
तेरी महोब्बत का पता देती हैं !!
तेरी बेरुखी है तो क्या हुआ !!
तेरी यादों का रुख आज भी मेरी तरफ !!
ही है,जब भी तन्हा देखती है मुझे !!
अपना समझकर बहलाने चली आती है !!
Berukhi shayari in Hindi
इरादों में अभी भी क्यों इतनी जान बाकी !!
है ,तेरे किये वादों का इम्तिहान अभी बाकी !!
है ,अधूरी क्यों रह गयी तुम्हारी यह बेरुखी !!
अभी दिल के हर टुकड़े में तेरा नाम बाकी है !!
फेर कर मुंह आप मेरे सामने से क्या गये !!
मेरे जितने क़हक़हे थे आंसुओं तक आ !!
गये भला ऐसी भी सनम आख़िर बेरुख़ी है !!
क्या न देखोगे हमारी बेबसी क्या !!
देखो ये बेरुखी प्यार की अदाएं !!
बेक़रार दिल को और बेक़रार करती है !!
हसरतों के दीप जल तो रहें हैं !!
मचलने को रोशनी, तेरा इंतज़ार करती है !
Berukhi shayari in Hindi
हम यूँ अपनी जिंदगी से मिले !!
अजनबी जैसे अजनबी से मिले !!
हर वफ़ा एक जुर्म हो गया !!
हर दोस्त कुछ ऐसी बेरुखी से मिले !!
मतलब क्या हुआ बेरूखी का !!
है कौन मुजरिम तेरी इस ख़ुशी का !!
उम्मीद थी जिस से प्यार की ऐ खुदा !!
बुझ गया वो चिराग कभी का !!
दिल तोड़कर हमारा तुमको राहत भी ना मिलेगी !!
हमारे जैसी तुमको चाहत भी न मिलेगी !!
यूँ इतनी बेरुखी ना दिखलाइये हमपर
हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी ना मिलेगी !!
प्यार उनका हमसे भुलाया ना गया !!
उनके बाद कभी हमसे मुस्कुराया ना गया !!
उनकी तो बेरुखी में भी वो ऐडा थी ज़ालिम !!
की बेवफ़ा का इलज़ाम भी उनपे लगाया ना गया !!
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