Waqt shayari 2 line
घड़ी के सुई के जैसी हो गई है ज़िन्दगी !!
रुकना कहा है पता ही नहीं !!
वक़्त का एक अलग ही दस्तूर है !!
जिसे दिलों जान से चाहा वही सबसे दूर है !!
Waqt Shayari In Hindi
वक़्त का बोझ तब बढ़ जाता है !!
जब इंतज़ार किसी का सिद्दत से होता है !!
दोनों ने ही मिल कर मुझे बर्बाद किया !!
वक़्त और तक़दीर की क्या खूब सांझेदारी रही !!
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