अल्फ़ाज़ शायरी हिंदी
अंजाम ने दुख दिया वरना यादें तो प्यारी हैं !!
यहां अपने कई हैंमगर अपना कोई नही !!
उड़ने दे इन परिंदों को फिजा में गालिब !!
जो तेरे अपने होंगे लौट आएंगे किसी दिन !!
बड़े नाज़ुक से दिल में बड़े नाज़ुक ख़्याल रखते हैं !!
गुफ़्तगू किसी से करें नज़र हम पर ही ख़ास रखते हैं !!
चंद अल्फ़ाज़ के मोती हैं मेरे दामन में !!
है मगर तेरी मोहब्बत का तक़ाज़ा कुछ और !!
Alfaaz shayari in hindi
कुछ अल्फाज के सिलसिले से बनती है शायरी !!
और कुछ चेहरे अपने आप में पूरी गजल होते हैं !!
खामोशी को चुना है अब बाकी है सफर के लिए !!
अब अल्फाजोंको जाया करना हमें अच्छा नहीं लगता !!
अधूरे रहते हैं मेरे अल्फाज तेरे जिक्र के बिना !!
मेरी शायरी की रूह तो बस तु है !!
ये अलग बात कि अल्फ़ाज़ हैं मेरे लेकिन !!
सच तो बस ये है कि तेरी ही सदा है मुझ में !!
Alfaaz shayari in hindi
मेरे अल्फ़ाज ही है मेरे दर्द का मरहम !!
गर मैं शायर ना होता तो पागल होता !!
सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में !!
जब उसने कहा मोहब्ब्त तो है पर साहब तुमसे नही !!
दिल करता है तुझे सीने से लगा लूं !!
मगर वो तेरे कड़वे अल्फाज़ याद आते हैं !!
यूं तो अल्फाज़ नही हैं मेरे पास महफ़िल में सुनाने को !!
खैर कोई बात नही जख्मों को ही कुरेद देता हूं !!
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