Gulzar’s Alfaaz Shayari 2 line
जब लगा था खँजर तो इतना दर्द ना हुआ !!
जख्म का एहसास तो तब हुआ !!
जब चलाने वाले पे नजर पड़ी !!
आजकल शाम ढलते ही न जाने रात !!
क्यों रो देती है जाने कौन सूरज था जो !!
रातों को भी उजाला किया करता था !!
आज बादलों को बरसने की इजाजत नहीं है !!
मोहब्बत हमारी थी और हम ही को !!
साथ रहने की इजाजत नही है !!
Alfaaz shayari in hindi
इश्क की दुनिया में पहचान हो मेरी !!
किसी और के लिए कैसे छोडूं !!
तुम इकलौती जान हो मेरी !!
शायद अब लौट ना पाऊं कभी !!
खुशियो के बाजार में,गम ने ऊंची बोली !!
लगाकर खरीद लिया है मुझे !!
ना जाने कितनी अनकही बातें साथ ले जायेंगे !!
लोग झूठ कहते हैं की खाली हाथ !!
आये थे, खाली हाथ जायेंगे !!
Alfaaz shayari in hindi
वो कहते हैं, कुछ बोलते नहीं तुम !!
अब कैसे बताएं उन्हें, जज़्बात तो हैं !!
मगर अलफ़ाज़ नहीं !!
दोस्तों से रिश्ता रखा करो जनाब तबीयत !!
मस्त रहेगी ये वो हकीम हैं !!
जो अल्फाज़ से इलाज कर दिया करते हैं !!
आ लिख दूँ कुछ तेरे बारे में !!
मुझे पता है कि तू रोज ढूंढती है !!
खुद को मेरे अल्फाजो में !!
दोस्तों से रिश्ता रखा करोजनाब !!
तबियत मस्त रहेगीये वो हकीम हैं !!
जो अल्फ़ाज़ से इलाज कर दिया करते हैं !!
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